जयपुर:- 06-08-2024


राजस्थान विधानसभा में सोमवार को स्पीकर वासुदेव देवनानी की पहल पर पहली बार विधायकों के नवाचार और अनुभव सुने जाने थे, मगर ये सब कुछ उल्टा हो गया। सदन गरिमा तार-तार हो गई। लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर(कांग्रेस) के निलंबन पर करीब 51 कांग्रेस विधायक ओर 68 मार्शल भिड़ गए।ऊसि मोखे पर हिंडौन विधायक अनीता जाटव की चूड़ियां के खनकने कि आवाज आई। रामनिवास गावड़िया,हरिमोहन शर्मा, घनश्याम सहित कई विधायक गिर गए। सदन मे अफरा तफरी मच गई ।


सदन स्थगित करने के लिये मार्शल और विधायक एक- दूसरे के बीच हाथापाई हुई। इस बीच विधायक एक मार्शल कन्हैया का अंगूठा चबा लिया। सदन 4:01 बजे स्थगित कर दिया, ईसी दोरान कांग्रेस विधायकों ने सदन में ही धरना दे दिया। निलंबन के बावजूद लाडनु विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर नहीं निकाल सके। कांग्रेस विधायक रात 2 बजे तक विधानसभा में ही धरने पर बैठे थे। विधानसभा मे ही बिस्तर और भोजन कि व्यवस्था कि गई। मुकेश भाकर भी विधानसभा में ही अपने निलंबन के खिलाफ धरने में शामिल रहे 



सदन में 4 तरफ से आए मार्शलों ने विधायकों से खींचतान की, 

जाटव बोली हमारे साथ बुरा बर्ताव हुआ

- 4 बजे सदन में अफरा तफरी मचते ही तीन तरफ से 60 से ज्यादा मार्शल आए।उसी समय मार्शलों - ने कांग्रेस विधायक मुकेश को खींचना चाहा। उसी समय सभापति ने सदन स्थगित कर दिया, लेकिन मार्शल नहीं - हटे। 2 मिनट तक सदन का दुरुपयोग होता राहा । विधायक बचाओ-बचाओ कि गुहार लगाते रहे। चीफ मार्शल आए और बोले सदन स्थगित हो चुका है, हटो। तब मार्शल हटे। मैं खींचतान में फंस गई। मेरी चूड़ियां टूट गई। महिला विधायकों के साथ बुरा बर्ताव हुआ।

दोपहर 2 बजे से नवाचार पर बात होनी थी, जूली के सवाल के बाद 49 मिनट सदन बाधित हो गया। स्पीकर को मुकेश भाकर का कोई इशारा अखर गया। वे गुस्से में सीट से खड़े हो गए, ओर भाकर को बोले- तुम बैठो। तमाशा कर रहे हो। स्पीकर ने संसदीय मंत्री से कहा- मुकेश भाकर के खिलाफ प्रस्ताव लाओ। परन्तु संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम प्रस्ताव नहीं लाए, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग प्रस्ताव लाए।


Anati jatav



जूली बोले :- वकीलों की नियुक्ति पुराने कानून से की, होनी चाइये नए कानून से थी...

सदन में आज हमने जो मामला उठाया वह गंभीर है। वकीलों की नियुक्ति में केंद्र के नियमों की राज्य सरकार द्वारा अवहेलना की गई है। नए कानून के तहत नियुक्ति ना कर पुराने कानून से ही कर दी। इसी पर सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने अपनी गलती छिपाने को निलंबन का खेल खेला। निलंबित विधायक की तो कोई गलती नहीं है, कोई शब्द भी नहीं बोला। हम सदन में ही धरने पर बैठे हैं।